SIDH KUNJIKA SECRETS

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.

ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों read more में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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